🙏परशुराम जयंती की शुभकामना🙏


🌹ईद मुबारक🌹


"धर्म की राहें"


अकीदत पर सवाल उठाने से पहले


थोड़ी सी नजर उठाकर तो देखो


मुहब्बत में किसी के दर पे कभी


जबीं को बेगर्ज झुकाकर तो देखो।१।


दौलत व शोहरत की गठरी को पहले


जज्बात से जरा तुलाकर तो देखो


किसी के दिल को दुखाने के बदले


मसर्रत को उस पे लुटाकर तो देखो।२।


पत्थर दिलों की तंग बस्ती में


शीशे का घर बनाकर तो देखो


मरुधरा की तेज आंधियों में


कदमों के निशां सजाकर तो देखो।३।


सफीना फंसा हो जब मझधार में


उनको एक पुकार लगाकर तो देखो


ईशा की बांहें या मक्का की राहें


जरा इनसे खुदी सटाकर तो देखो।४।


महफूमे-सदाकत की अनुभूति होगी


लबों से हलाहल लगाकर तो देखो


धर्म की राहें हैं आसान कितनी


हुसैन की बलि चढ़ाकर तो देखो।५।


अक्ल से कटेंगी रिश्तों की डोरें


इश्क़ से खुद को निभाकर तो देखो


आस्था की राहों में कांटें बिछे हैं


आबले पांव वहां चलाकर तो देखो।६।


वहां का फलसफा है पूर्ण समर्पण


क्यूं और कैसे हटाकर तो देखो


फिज़ा में हर सिम्त खुश्बू है उसकी


खिड़कियों को जरा खुलाकर तो देखो।।७।।


'शिष्य-गुरु संवाद' से डॉ सर्वजीत दुबे 🙏🌹