🙏Happy Friendship day🙏


संवाद


"फ्रेंडशिप के तीन रूप"


(१)स्कूली-दिनों की मित्रता की याद आज भी जब ताजा हो जाती है तो उस दीवानगी का स्मरण हो आता है जो एक दूसरे के प्रति बेवजह थी। एक बार छठी क्लास में क्लास-टीचर मेरे दोस्त जगदीश दवे को पीट रहे थे। ज्यों ही टीचर ने छड़ी मारना शुरू किया तो छड़ी दोस्त के जिस्म पर पड़ रही थी किंतु दाग मेरे दिल पर उभर रहे थे। 10-12 छड़ी के बाद ही मैंने छड़ी पकड़ ली। इससे क्लास टीचर उदय सिंह जी अपना आपा खो बैठे और इसकी कीमत 20-30 छड़ियों में मुझे चुकानी पड़ी।


      मेरे जिस्म पर पड़े छड़ी के दाग मेरे मित्र जगदीश की नजर में इतना अनमोल साबित हुए कि वह मुझसे बिना मिले एक भी दिन नहीं रह पाता था। अतः रविवार को हम दोनों का मिलना और सूर्य का निकलना घर वालों के लिए एक समान था। घरवाले कहते थे कि जब स्कूल में एक ही क्लास में दोनों साथ बैठते हो तो छुट्टी के दिन अलग क्यों नहीं बैठते और टीचर कहते थे कि यहां पढ़ने आते हो कि दोस्ती निभाने।         


                  किंतु न जाने कब रास्ते जुदा हो गए और हम दोनों एक दूसरे से अलग रहने की कला भी सीख गए।


(२) फिर कॉलेज के दिनों में एक दोस्ती हुई जिसे फ्रेंड, फिलॉस्फर और गाईड कहना ज्यादा सही होगा। खेल की दुनिया में बैन से निराश होकर पढ़ाई की दुनिया में मैं वापसी की कोशिश कर रहा था। अचानक ध्रुव कांत ठाकुर (वर्तमान में मेरठ DG)रूपी ध्रुव तारा से मुलाकात हुई। और उनके साथ रहने वाले श्री अरुण सिंह, श्री लीलानंद झा, श्री रमेश झा इत्यादि महानुभावों से ऐसी घनिष्ठता हुई कि कब वे सभी मेरे शिक्षक के रूप में होते थे और कब दोस्त के रूप में पता नहीं चलता था। इन सभी ने मेरी जिंदगी को खेल की दुनिया में लगे बैन के अंधकार से पढ़ाई की दुनिया के प्रकाश में ला दिया।इन सभी को मैं कल्याण मित्र की श्रेणी में मानता हूं।


"कल्याण-मित्र" शब्द का उपयोग बुद्ध को करना पड़ा। मित्रता के कई रूप जरूर उनकी नजरों में आए होंगे। सामान्यत:मैत्री का आधार  प्रेय  होता है। एक दूसरे को जो बातें प्रिय और रुचिकर होती हैं, उनको शेयर करते हुए घनिष्ठता बढ़ जाती है।     


              असाधारण लोगों की मैत्री का आधार श्रेय होता है। इसमें संबंध कुछ इतना गहरा होता है कि एक दूसरे को गलत रास्ते पर जाते देखकर मित्र विरोध कर उठता है और उसे सही रास्ते पर लाकर ही मानता है।         नि:स्वार्थभाव के कारण 'मूल्य' मैत्री का आधार होता है, आवश्यकता या उपयोगिता नहीं।   


                  जब मूल्य-विहीन घनिष्ठ संबंध बनते हैं तो उसे मैत्री कहना उचित नहीं होगा क्योंकि दोनों एक दूसरे को अकल्याण के रास्ते पर ले जाने में मददगार साबित होते हैं- "अंधे अंधा ठेलिया दोनों  कूप पड़ंत".


(३)लेकिन जब पढ़-लिखकर कॉलेज शिक्षा की नौकरी में आया और यहां जो तथाकथित दोस्ती का अनुभव हुआ, उस पर मैंने एक कविता लिखी-


"मुझे मेरे मित्रों से बचाओ"


मेरे दोस्त मेरे घर आए हैं,


कई घरों का कूड़ा मेरी खिदमत में लाए हैं।


कट चुका दुनिया से मैं बहुत शांत था


सिर्फ आत्मालोचना में थोड़ा बहुत विश्रांत था।


किंतु उनके आते ही नीरव प्रकृति में तूफान उठने लगे


मंद तरंगे छल-उछलकर शशि को छूने लगे।


प्रशंसाओं के ज्वार और निंदा की भाटा में


मेरा अंग-प्रत्यंग चकनाचूर हो गया


आधे घंटे के वार्तालाप में


मैं खुद से बहुत दूर हो गया।


जब मेरी सारी ध्यानतंत्री बिखर सी गई,


कसे हुए साज से ढीली पड़ सी गई,


जब किसी धुन के बजने की गुंजाइश नहीं थी,


बेचैन हो चुके दिल की एकांत की ख्वाहिश नहीं थी।


उसी पल उन्होंने मुझे एकांत कर दिया


भंवर में डाल मुझे स्वयं को कुछ शांत कर लिया।


मैं रात भर उस बवंडर से जूझता रहा


अनचाहे वार्ता भंवर में खुद को ढूंढता रहा।


बहुत जद्दोजहद के बाद मैंने कुछ शांति पाई


किंतु नई चिंता मस्तिष्क में फिर घिर आई।


जब दोस्त से ऐसी सौगात पाई,


तो दुश्मनी तोहफा कैसा होता होगा,


इससे ज्यादा किस गहरे भंवर में,


मुझे डाल वो चैन से सोता होगा‌।


दुश्मन का वार सिर्फ बाहर से ही


कुछ हानि पहुंचाने आएगा,


जिगर के अंदर तक तीर तो


अपनों का ही जाएगा।


इसीलिए हे भगवन! सिर्फ एक विनती तुम मेरी पूरी कर जाओ


दुश्मनों से तो मैं सावधान हूं किंतु मुझे मेरे मित्रों से बचाओ।


एकांत में शांति से बैठ कर थोड़ा सोचें- आखिर क्या ऐसा घटित हुआ कि जो दिल अपने मित्र के बिना चैन नहीं पाता था,वही दिल आज किसी के आ जाने पर बेचैन होता है? जो दिल पुकार-पुकार कर कहता था मुझे मेरे मित्र से मिलाओ वही दिल आज फुसफुसाता है कि 'मुझे मेरे मित्रों से बचाओ।'


मुझे तो लगता है कि तथाकथित शिक्षा और अनुभव ने जिंदगी की सरलता और सहजता छीन ली-


"मौसम बदल गया या बदल गए हैं लोग,


पता नहीं कैसे छूटा दोस्ती का वो रोग।।"*


'शिष्य-गुरु संवाद' से प्रो.सर्वजीत दुबे 🙏🌹


फ्रेंडशिप डे की शुभकामनाओं के साथ