🙏विनम्र श्रद्धांजलि🙏


'दर्शन मैम का जीवन-दर्शन'


हर एक मृत्यु की सूचना अपनी मृत्यु की याद दिलाए तो समझिए कि आपका दर्शन सम्यक है। कल दर्शन मैम को स्कूटी पर जाते हुए देखा गया और आज अर्थी पर उठते हुए देखा जाएगा। कल रात कॉलेज शिक्षकों का व्हाट्सएप ग्रुप उनके प्रति विनम्र श्रद्धांजलि से भरा हुआ था। जीवन कितना अनिश्चित है,कितना क्षणभंगुर है और मृत्यु कितनी निश्चित और कितनी स्थायी। फिर भी बहुत लोग इस जीवन की आपाधापी में और राजनीति में लगे रहते हैं।


दर्शन मैम को सहकर्मी के रूप में और प्राचार्य के रूप में मैंने देखा। यद्यपि अकेले रहने की मेरी आदत कुछ ज्यादा है और किसी के साथ बहुत कम समय मैं व्यतीत कर पाता हूं फिर भी अगल-बगल में जी रहे कुछ लोगों की अच्छी बातें आकर्षित कर जाती हैं। दर्शन मैम अपनी पढ़ाई के प्रति,क्लास के प्रति और कर्त्तव्य के प्रति पूर्ण समर्पित रहती थीं। वे विज्ञान संकाय की थीं और मैं कला संकाय का,अतः प्रत्यक्ष संपर्क बहुत कम होता था। फिर भी एक मेधावी छात्रा के रूप में और सदैव शांत और अध्ययनशील अध्यापक के रूप में उनकी छवि मेरे पास पहुंचती थी।


उप-आचार्य और प्राचार्य के रूप में उनकी कार्यशैली को कुछ नजदीक से मैंने देखा। अपने आदेश से कम और अपने आचरण से ज्यादा वे प्रशासन का काम संभालती थीं। कितना भी दबाव आ जाए किंतु वे अपनी अंतरात्मा की आवाज जरूर सुनती थीं। एक बार मतदाता दिवस 25 जनवरी के दिन किए गए मेरे संचालन पर बाहर गए हुए प्राचार्य ने उस दिन कार्यवाहक प्राचार्य की भूमिका संभाल रही दर्शन मैम से महीनों बाद तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी।दबाव के बावजूद उन्होंने सत्य और तथ्य मेरे पक्ष में लिखा जबकि उनसे मैं बहुत कम ताल्लुक रखता था। इससे उनके प्रति एक आदर का भाव मेरे मन में उत्पन्न हुआ कि अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अपनी आंखों देखी बातों पर अडिग रहते हैं।


मितभाषी,संयमी,अध्ययनशील और कर्त्तव्यरत दर्शन मैम का जीवन दर्शन कबीर की उन पंक्तियों की याद दिला गया जिसमें वे कहते हैं-


"कबीरा खड़ा बाज़ार में,मांगे सबकी खैर,


ना काहू से दोस्ती,ना काहू से बैर।"


यह दर्शन मेरे लिए विशेष रूप से अनुकरणीय और अनुशरणीय है। अतः दर्शन मैम के देह त्याग पर परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि वे परिजनों को वियोग सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्मा को मुक्ति।


ओम् शांति:शांति:शांति:!


'शिष्य-गुरु संवाद' से प्रो.सर्वजीत दुबे🙏🌹