राष्ट्र देवो भव,न तु नापाक दानव:
May 10, 2025🙏जय हिंद की सेना🙏
संवाद
'राष्ट्र देवो भव,न तु नापाक दानव:'
एक समय हमारे ऋषियों ने कहा था-'मातृ देवो भव, पितृ देवो भव, गुरु देवो भव' अर्थात् माता,पिता और गुरु को देवता मानो। इनके दिव्य प्रेमालोक से ही हमारा जीवन दिव्य बनता है। इनके ऋण से हम कभी भी उऋण नहीं हो सकते। इसी क्रम में एक और मंत्र जोड़ने की आवश्यकता है-'राष्ट्र देवो भव' अर्थात राष्ट्र को देवता मानो। परम पूजनीय संत मुरारी बापू अपनी राम कथा में इस मंत्र को दोहराते रहते हैं। लेकिन यह कोई नया मंत्र नहीं है, यजुर्वेद में यह मंत्र इस रूप में आया है-
'वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता:'
अर्थात् हम पुरोहित राष्ट्र को जागृत बनाए रखें।
भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहां 'विश्वं भवत्येकनीडम्' की आत्मिक भावना के साथ 'कृण्वन्तो विश्वमार्यम्' का लक्ष्य प्रेरणा देता है।
'जाकी रही भावना जैसी,प्रभु मूरत देखी तिन तैसी' -बाबा तुलसीदास ने रामचरितमानस में यह बताया कि हमारी भावना जैसी होगी उसी प्रकार की मूरत हम देख पाएंगे। हमारी भावना ने पाषाण को भगवान बना दिया तो जो राष्ट्र हमें सब कुछ देता है ,उसको हम भगवान के भाव से नहीं देखेंगे तो यह कृतघ्नता होगी।
आज हमारे राष्ट्र ने ऑपरेशन सिंदूर के द्वारा यह बता दिया कि उसके लिए अपने नागरिकों के मान-सम्मान और जान का कितना महत्त्व है। सेना के शौर्य और सरकार की इच्छाशक्ति ने पूरे राष्ट्र की भावनाओं के अनुरुप अपने पराक्रम और दूरदर्शिता का अनूठा उदाहरण पेश किया है। ऑपरेशन सिंदूर की सटीकता और संवेदनशीलता ने विश्व को एक सनातन संदेश दिया है कि भारत राष्ट्र अपने नागरिकों की भावनाओं के अनुसार मर्यादा में रहकर बदला भी लेना जानता है। सिंदूर भारतीय संस्कृति के दांपत्य बंधन का सबसे अमिट भावनात्मक प्रतीक है। सिंदूर के रहते सुहागिन प्रेम में डूबी रहती है और सिंदूर के मिटाए जाने पर काली बनकर मृत्यु का तांडव करने से भी पीछे नहीं हटती। प्रेम और पराक्रम का अद्भुत मिश्रण इस ऑपरेशन सिंदूर में देखने को मिला।इसीलिए हमारी सेना ने सिर्फ आतंकी ठिकाने को निशाना बनाया। न तो पाकिस्तान का कोई नागरिक निशाने पर था और न उसका सैन्यसंस्थान। हमारी संस्कृति में युद्ध भी धर्मयुद्ध होता है क्योंकि युद्ध के लिए भी हम दैवीय शक्तियों का सहारा लेते हैं।
इसके विपरीत पाकिस्तान ने आसुरी शक्तियों का सहारा ले रखा है। आतंकियों के जनाजे में पाक राष्ट्रपति और सेनाध्यक्ष अकीदत के फूल चढ़ाते हैं। पाक अपने नागरिकों को आतंकवाद की ट्रेनिंग देता है और बेगुनाहों की हत्या करने को उकसाता है। पाक रक्षामंत्री ख्वाजा आसिफ ने तो संसद में कहा कि जरूरत पड़ी तो जंग में मदरसों के बच्चों को भी हम उतार देंगे। इसका मतलब है कि वहां बच्चों को मदरसों में इंसान बनने की नहीं बल्कि आतंकी बनने की तालीम पहले से दी जा रही है।आतंकी तैयार करना तो सबसे आसान काम है किंतु भारत ने कभी भी ऐसा सोचा भी नहीं। पाकिस्तान द्वारा किए गए आक्रमण के दौरान भी भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए और खतरे वाले क्षेत्र की वायु सेवाएं रोक दी किंतु पाकिस्तान ने ऐसा कुछ नहीं किया ताकि गलती से भी नागरिक मारे जाएं तो वह भारत पर आरोप लगा सके। दूसरे शब्दों में उसने अपने नागरिकों को ढाल बना लिया और भारत में निर्दोष नागरिकों पर तथा बच्चों के स्कूल पर हमला कर रहा है।
अपने दैवीय गुणों के कारण भारत विश्व को बुद्ध देता रहा है,युद्ध में तो मजबूरीवश आत्मरक्षार्थ उसे उतरना पड़ता है। ऐसे दिव्य राष्ट्र के नागरिकों का आचरण भी दिव्यता से पूर्ण होना चाहिए। कोटा मेडिकल कॉलेज के 600 रेजीडेंट डॉक्टर्स ने सेना के साथ चिकित्सा सेवा देने की अपनी तरफ से इच्छा जताई है। कई नागरिक रक्तदान के लिए तो कई श्रमदान के लिए और कई धनदान के लिए स्वेच्छा से बढ़कर आगे आने लगे हैं। ट्रक एसोसिएशन ने अपने ट्रक राष्ट्र की निःशुल्क सेवा हेतु सीमा पर खड़े कर दिए हैं।अपने राष्ट्र देव की आराधना कई रूपों में की जा सकती है।राष्ट्र सेवा के अनेक रास्ते अपने आप दिखाई पड़ने लगेंगे जब प्रत्येक नागरिक के दिलो-दिमाग में 'राष्ट्र देवो भव' का मंत्र गुंजायमान होने लगेगा।मेरे हृदय के शब्दों में.....
'गर्दिश ए दौरां में भी होंठों पर मुस्कान लिए फिरता हूं
अपनी छोटी सी फटी जेब में सारा जहां लिए फिरता हूं
सारे सपने बिखर गए पर नित नए अरमान लिए फिरता हूं
बाहर बचा नहीं कुछ लेकिन दिल में हिंदुस्तान लिए फिरता हूं।'
'शिष्य-गुरु संवाद' से प्रो.सर्वजीत दुबे 🙏🌹