पशु-प्रीति बनाम आतंकी-भर्ती
May 30, 2025संवाद
'पशु-प्रीति बनाम आतंकी-भर्ती'
एक तरफ जानवर का भी बहता हुआ खून देखकर कलेजा मुंह को आ जाता है तो दूसरी तरफ ऐसा भी दिल बन जाता है कि इंसान का खून बहाकर कोई जश्न मनाता है। आज मैं अपनी गली की कुत्तिया की नसबंदी का ऑपरेशन कराने पशु चिकित्सालय ले गया था। घंटे भर के ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों की टीम ने उसका uterus निकाल दिया। शल्य चिकित्सा कक्ष के बाहर में उनके खून सने दास्ताने (gloves)को निकालते देखकर मेरा और मेरे बेटे का हृदय द्रवित हो गया। चिकित्सकों के चेहरे पर सफल ऑपरेशन की चमक भी दिखाई दे रही थी। बच्चे के मुंह से निकला कि अब पता चला कि डॉक्टर को भगवान क्यों कहते हैं ; भाषा न जानने वाले जानवरों के भी दर्द को वे समझ जाते हैं और उसका दर्द कम करने के लिए कितनी देर तक और कितनी संवेदनशीलता से अपने काम में जुटे रहते हैं।
दिन भर परेशान होने के बावजूद दिल में एक सुकून था कि कुछ सार्थक काम हुआ। क्योंकि कुत्तिया बच्चे दे देती थी और उतने सारे बच्चों को देखभाल करने में मैडम को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। बहुत मुश्किल से वे बड़े होते थे और फिर चलकर रोड पर आ जाते थे। फिर किसी वाहन से टकराकर घायल हो जाते थे या मर जाते थे। घायल होने पर हॉस्पिटल दौड़ना पड़ता था और मर जाने पर आंसुओं में स्नान करना पड़ता था। अत: इनके बच्चे न हो तो फिर ऐसी परेशानी और ह्रदयविदारक क्षणों से गुजरना न पड़े, ऐसा सोच कर ऑपरेशन का रास्ता निकला।
हॉस्पिटल से आकर शाम में टीवी खोला तो आतंकवादियों की भर्ती का समाचार चल रहा था। जिन लोगों ने पहलगाम में बेगुनाहों का खून बहाकर मानवता को शर्मसार कर दिया और न जाने कितनी बद्दुआएं बटोर लीं, उसी प्रकार के आतंकी लोगों की भर्ती के लिए फिर से अभियान शुरु हो गया।
इस समाचार को देखकर मन इतना खिन्न हो गया और तनाव इतना बढ़ गया कि टीवी बंद कर खुली हवा में निकल गया। आकाश की ओर देखता रहा और पूछता रहा कि अच्छे कामों के लिए तो किसी को कष्ट सहने की या बलिदान देने की प्रेरणा मिली जाती है किंतु बुरे कामों के लिए अपनी जान जोखिम में डालने की प्रेरणा कैसे मिलती है?
आखिर मानव सभ्य कहां हुआ? जिस धरती पर एक देश निर्दोषों का खून बहाने के लिए अपनी जान की बाजी लगाने वाले आतंकियों का प्रशिक्षण शिविर चलाता हो और सरकारी सैन्य भर्ती के समान आतंकी-भर्ती का खुलेआम अभियान चलाता हो , वैसे देश के रहते यह धरती कैसे सुरक्षित होगी?
'शिष्य-गुरु संवाद' से प्रो.सर्वजीत दुबे🙏🌹