🙏दुर्गाष्टमी की शुभकामना और भारत विजय की बधाई 🙏


संवाद


'खेल और जंग'


खेल और जंग का मनोविज्ञान परस्पर विपरीत होता है। खेल में हार जीत से भी ज्यादा महत्वपूर्ण खेलभावना होती है। खेलों ने दिलों को जोड़ा है और राष्ट्र की सीमाओं को तोड़ा है। कई बार खिलाड़ी मैच हार जाता है किंतु दिल जीत लेता है।


        कभी-कभी जंग में भी ऐसा होता है कि हारी हुई कौरव-सेना का कर्ण जीती हुई पांडव-सेना के मार्गदर्शक कृष्ण का दिल जीत लेता है। तभी तो अर्जुन के हाथों कर्ण के मारे जाने पर और पार्थ द्वारा कर्ण को सूतपुत्र कहे जाने पर वे अपने दिल का उद्गार व्यक्त करते हुए अपने प्रिय अर्जुन से कहते हैं कि सूतपुत्र नहीं,महारथी कर्ण कहो; क्योंकि-


'कर्ण के साथ तेरा बल भी मैं खूब जानता आया हूं


मन ही मन तुझसे बड़ा वीर पर उसे मानता आया हूं।'


कर्ण की सिर्फ वीरता ही नहीं थी जिसने भगवान कृष्ण का दिल जीता था बल्कि उससे भी ज्यादा उसकी मूल्यनिष्ठा थी जिसके कारण कृष्ण महावीर-कर्ण के प्रशंसक बन गए थे। कृष्ण के द्वारा पांडव सेना में आने का प्रलोभन दिए जाने पर भी कर्ण ने मित्र दुर्योधन का साथ नहीं छोड़ा और महाभारत युद्ध में अपने प्रतिद्वंद्वी अर्जुन को मारने  के लिए मूल्यों को ताक पर रखकर न तो अश्वसेननाग के प्रस्ताव के बावजूद उसका सहारा लिया और न सूर्यास्त के बाद अर्जुन पर  प्राणभेदी बाण चलाया।


             महाभारत युद्ध के पहले भीष्म पितामह ने युद्ध के लिए जिन नियमों और मूल्यों को निश्चित किया था, उनका कर्ण ने अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में भी निर्वाह किया था।


        भारतीय संस्कृति का जंग के प्रति दृष्टिकोण जानने के बाद अब भारत पाक क्रिकेट खेल पर गौर करें तो हम पाते हैं कि यह खेल से कुछ ज्यादा जंग के बहुत करीब हो जाता है। जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा मेरा खेल के मैदान पर खिलाड़ियों के बीच ही बीता, इसलिए भारत पाक क्रिकेट मैच का रोमांच और तनाव को मैं कुछ प्रमाणिकता के साथ अपने अनुभवसिक्त शब्दों में व्यक्त कर सकता हूं। सुनील गावस्कर जब पाक टीम के अलावा किसी भी टीम के विरुद्ध बैटिंग करते थे तो हम खिलाड़ियों की दिल की भावना यह होती थी कि गावस्कर की सेंचुरी पूरी हो जाए, भले ही टीम हार जाए। लेकिन पाकिस्तान के विरुद्ध तो हम हर कीमत पर जीत चाहते थे ; हालांकि जहीर अब्बास, मियांदाद और इमरान खान के कारण बहुत मौकों पर पाकिस्तान टीम भारी पड़ती थी।


       किसी भी कीमत पर जीत की चाह के बावजूद भारत और पाक के खिलाड़ी खेलभावना से भरे होते थे तथा एक दूसरे के साथ सार्वजनिक मंचों पर अपवाद छोड़कर शालीन व्यवहार किया करते थे। इससे नए खिलाड़ियों को यह संदेश मिलता था कि क्रिकेट जेंटलमैन गेम है और खिलाडी की शालीनता और शिष्टता विशेष महत्व रखती हैं।


         इसके बावजूद भी पाक की जीत पर भारत में जश्न मनाया जाना बहुत खलता था। 1986 में शारजाह में खेला गया वह महत्वपूर्ण फाइनल मैच मुझे आज भी ध्यान में है कि जिसमें अंतिम बॉल पर जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का मारकर भारत के हाथों से मैच छीन लिया। भारत की हार मेरे दिल में अखर रही थी किंतु मियांदाद की करिश्माई बैटिंग और छक्के पर खेलभावना के कारण मेरे हाथ की ताली भी बज रही थी।क्रिकेट खेल ने मेरे जीवन का बहुत बड़ा समय ले लिया किंतु उससे भी ज्यादा बड़ा सबक यह दे गया कि


'न हार में न जीत में, किंचित् नहीं भयभीत मैं


कर्त्तव्यपथ पर जो मिले,यह भी सही वह भी सही।'


        लेकिन अब खेल को पूर्णतया जंग का रूप दिया जा रहा है जो मेरी खेलभावना को हजम नहीं हो पा रहा है। क्योंकि खेल को राष्ट्र और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। कभी कपिलदेव पर नाज होता था तो कभी अजरुद्दीन पर, कभी कोहली मैच जीता जाते हैं तो कभी मोहम्मद सिराज।


           लेकिन पहलगाम की कायराना आतंकी हमले ने बहुत कुछ बदल दिया। धर्म पूछकर जिस प्रकार से सुहागिनों के सामने ही सुहाग के सिंदूर मिटाए गए और परिवार के समक्ष पैंट खुलवाकर जलील करने के बाद परिजनों की आंखों के सामने निर्मम हत्या की गई, उसने हर प्रकार की भावना को तार-तार कर दिया।


          पहली बार ऐसा हुआ कि भारत पाक मैच देखने का मन ही नहीं हुआ। उसके बाद भारत की जीत की खबरें सुनकर मन अफसोस भी करता था कि मैच देखा क्यूं नहीं। अब जब खिलाड़ियों के अजीबोगरीब इशारे और 'कभी हां,कभी ना' की भावभंगिमा देखने को मिलती है तो ऐसा लगता है कि यह 'जेंटलमैन गेम' अनायास ही 'पॉलिटिकल गेम' बनता जा रहा है।


         सियासतदान जब सियासत नहीं छोड़ सकते तो खेलप्रेमी होने के नाते मेरे दिल की गहराइयों से यह आवाज आ रही है कि खिलाड़ी अपनी खेलभावना क्यों छोड़ें?


'वो बुझाएं दिए, उनका ये शौक था


हमें ये शौक है कि हम जलाते रहे


कोई रिश्ता तो तुमने बनाये रखा


चाहे दुश्मन समझकर निभाते रहे।'


'शिष्य-गुरु संवाद' से प्रो.सर्वजीत दुबे🙏🌹